Tuesday, August 30, 2022

ऋग्वेद में घी (घृत) का वर्णन

ऋग्वेद में  घी का वर्णन 



        जैसा की हम सब जानते है कि घी, सनातन धर्म के अंतर्गत  विशेष स्थान रखता हैं ।  न केवल यह यज्ञ ,शुभ  कर्मों  और पंचनमृत मे प्रयोग किया जाता हैं , बल्कि दैनिक जीवन के भोजन मे उपयोग  किया जाता है।  इसके औषधि  रूप का महत्व  आयुर्वेद  मे  भी  बताया गया हैं । 

ऋग्वेद के ५८ वे सूक्त में घी  का विस्तृत वर्णन  किया गया हैं ,इस सूक्त के अनुसार गायों  के थनों से  दूध  की  धाराएँ निकलती हैं , इस दूध  के स्वाद की  तुलना मधु  (शहद) से  की गयी हैं ।